राहुल गांधी का हिंदू धर्म से बहिष्करण
हाल ही में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बारे में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने राहुल गांधी को हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने का ऐलान किया है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। शंकराचार्य का यह बयान हिंदू धर्म और इसके अनुयायियों की भावनाओं को लेकर काफी प्रभावित करने वाला है।
भड़के शंकराचार्य ने क्या कहा?
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाया है कि वे हिंदू धर्म की नींव को कमजोर कर रहे हैं। उनके बयान में यह स्पष्ट किया गया कि अगर किसी नेता ने धर्म का अपमान किया है, तो उसे इस समुदाय से बहिष्कृत किया जाना चाहिए। यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी पर इस तरह के आरोप लगे हैं, लेकिन इस बार शंकराचार्य का बयान एक नए विवाद को जन्म देता है।
राजनीति में धर्म का स्थान
राजनीति में धर्म का स्थान हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। शंकराचार्य के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी को जवाब देना होगा कि वे इस विवाद को किस तरह संभालेंगे। कई लोग इसे धार्मिक असहिष्णुता का उदाहरण मान रहे हैं। राहुल गांधी का बहिष्कार करने की घोषणा से यह साफ होता है कि धार्मिक विचारधाराएं किस तरह से राजनीति को प्रभावित कर सकती हैं। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि इस विवाद का राजनीतिक असर क्या होगा।